16 Sep
तुम और मैंजैसे कागज़ पर लिखी एक हसीन कविताकुछ एहसासात बिखेरती हुईकुछ लम्हों को अलफ़ाज़ में पिरोती हुईदिल के तारों को छूती हुईख़्वाबों को आँखों में सजाती हुईजीने की इक आस जगाती हुई … तुम और मैंजैसे सावन की...