तुम और मैंजैसे कागज़ पर लिखी एक हसीन कविताकुछ एहसासात बिखेरती हुईकुछ लम्हों को अलफ़ाज़ में पिरोती हुईदिल के तारों को छूती हुईख़्वाबों को आँखों में सजाती हुईजीने की इक आस जगाती हुई … तुम और मैंजैसे सावन की...
ये इल्तिज़ा है तुमसे, हमें याद तुम न करना और हम भूल जाएँ तुमको, ये भी दुआ न करना है नहीं मोहब्बत हमसे, ये इल्म तो हमें है पर अक्स आईने में कभी तुम न ढूँढा करना...
I have penned down something in Hindi today. Below is the English translation as well. क्यों चले आते हो तुम ख़्यालों में बिन बुलाए बिन खटखटाए जब इस दिल पर तुम्हारा कोई हक़ ही नहीं इस दिल ने...
Today I’ve penned down something in my native language- Hindi. These are actually afterthoughts of reading a Hindi poem. I’ve given the English translation below my original poem. इक ख़्वाहिश ठंडी हवा के झोंके जब पेड़ों को...
Some thoughts crossed my mind, so I’ve put them in my native language Hindi. I’ve also translated the same in English. जब किस्मत साथ न दे और हिम्मत भी हाथ छोड़ दे तब भी यकीन रख ऐ बन्दे...
There is a Hindi poem that is close to my heart since my childhood. Recently, it got reiterated when I was making my son recite the same as part of his school assignment. I realized that the poem is...