ALS NaPoWriMo Day 14: Little Joys of Life
Today we complete two weeks of poetry marathon! Isn’t it a moment worth celebrating? We keep waiting in our lives for special or big occasions for celebration while forgetting that life itself is a reason enough for celebration. Let’s quill our verses today to celebrate the little joys that abound our lives.
I wrote in Hindi today 🙂
कविता: छोटी छोटी खुशियाँ
ज़िन्दगी से छोटी छोटी खुशियाँ माँगी थी
तेरा प्यार, तेरा साथ, तुझसे दिल लगी माँगी थी
हर सुबह धुंधलाती आँखों से तुझे देखना चाहा
हर शब् तेरे नाम की शमा माँगी थी
बारिश में तुझ संग भीगना चाहा
ख़ामोशी में तेरी आवाज़ माँगी थी
सर्दी की धूप में तुझ संग घूमना चाहा
साहिल पे हर ज़र्रे से तेरी पहचान माँगी थी
अपनी ज़िन्दगी तेरे नाम कर
तुझसे कुछ पल की मोहब्बत माँगी थी
इक बेवफ़ा से वफ़ा की उम्मीद माँगी थी
शायद छोटी छोटी खुशियों में क़यामत माँगी थी
© वन्दना भसीन
14.04.2023