तुम और मैंजैसे कागज़ पर लिखी एक हसीन कविताकुछ एहसासात बिखेरती हुईकुछ लम्हों को अलफ़ाज़ में पिरोती हुईदिल के तारों को छूती हुईख़्वाबों को आँखों में सजाती हुईजीने की इक आस जगाती हुई … तुम और मैंजैसे सावन की...
16 Sep
03 Feb
ये इल्तिज़ा है तुमसे, हमें याद तुम न करना और हम भूल जाएँ तुमको, ये भी दुआ न करना है नहीं मोहब्बत हमसे, ये इल्म तो हमें है पर अक्स आईने में कभी तुम न ढूँढा करना...
21 Jan
तेरे आने से पहले जो गुलिस्तां महकते हैं तेरे जाने के बाद वो मुरझा जाते हैं बहुत समझाया दिल को मगर न जाने क्यूँ आँखों से आँसू आ ही जाते हैं ©वन्दना भसीन English Translation: ...